बिश्नोई सेवा समिति में फर्जी कमेटी का पर्दाफाश, समाज को गुमराह करने का आरोप गहराया

उत्तर प्रदेश बिश्नोई समाचार कानपुर, बिश्नोई सेवा समिति (रजि.), कानपुर में कमेटी गठन को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। 2 फरवरी 2025 को जो चुनाव समाज के चुनाव अधिकारी द्वारा निरस्त कर दिए गए थे, उन्हीं को नजरअंदाज करते हुए एक अनैतिक व अवैध तरीके से नई कमेटी का गठन किया गया। आरोप है कि संरक्षक मंडल और महामंत्री ने अमित बिश्नोई के नेतृत्व में इस फर्जी कमेटी को तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय में दाखिल कर दिया, जबकि समाज और वैध जीते हुए प्रत्याशियों को कोई सूचना नहीं दी गई।

🌱 पर्यावरण दिवस पर भी किया गया समाज को गुमराह
कुछ दिन पूर्व आयोजित पर्यावरण दिवस के औरैया कार्यक्रम में भी यह फर्जी कमेटी समाज का प्रतिनिधित्व करती दिखाई दी, जबकि यह तथाकथित प्रतिनिधि समाज को लगातार गुमराह कर रहे हैं। इनके प्रमुख सहयोगी अमित बिश्नोई के साथ मिलकर ये लोग एक झूठी छवि प्रस्तुत कर रहे हैं।

पूर्व अध्यक्ष प्रवीण बिश्नोई पर आरोप, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं
इस पूरी कार्यवाही की बैठक की अध्यक्षता प्रवीण बिश्नोई के नाम पर दिखाई गई, जबकि वह 4 मई 2025 से दिल्ली में हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी जानकारी में कोई बैठक नहीं हुई। हालांकि कुछ लोग प्रवीण बिश्नोई को इस फर्जीवाड़े में शामिल बता रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं हो पाई है।

✊ कमेटी सदस्य अश्वनी बिश्नोई ने किया विरोध
इसी फर्जी कमेटी के सदस्य अश्वनी बिश्नोई भी खुलकर अमित बिश्नोई और उनकी कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठाते दिखाई दे रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि समिति के अंदर भी भारी असंतोष है।

📄 चुनाव अधिकारी ने दिया इस्तीफा, धमकी का मामला भी चर्चा में
इस पूरे प्रकरण में मुख्य चुनाव अधिकारी पहले ही फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं के चलते इस्तीफा दे चुके हैं और रजिस्टार कार्यालय में पुनः चुनाव की मांग दर्ज करा चुके हैं।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, एक राजनेता द्वारा चुनाव अधिकारी को धमकी दिए जाने का मामला भी समाज में चर्चा का विषय बना हुआ है।

🚨 समाज से बहिष्कार की मांग
प्रमोद बिश्नोई और सुशील बिश्नोई ने कहा है कि समाज को इस गंभीर धोखाधड़ी के खिलाफ सजग होना चाहिए और ऐसे लोगों का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार किया जाना चाहिए। उन्होंने चेताया कि यदि ऐसे कृत्यों को न रोका गया, तो समाज की गरिमा और एकता को गहरा आघात पहुँच सकता है।

 प्रमोद बिश्नोई ने कहा:
"यह क्या मज़ाक है? समाज का नया मोदी – स्वभू-प्रधानमंत्री अमित बिश्नोई! यह सब समाज के साथ धोखा है।"

निष्कर्ष:
बिश्नोई समाज इस समय एक गंभीर पहचान और नेतृत्व संकट से गुजर रहा है। पारदर्शिता, लोकतंत्र और समाज की गरिमा की रक्षा के लिए यह आवश्यक है कि सत्य उजागर हो, दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हो और समाज एकजुट होकर नए चुनाव की दिशा में आगे बढ़े।

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