जम्भसार कथा ज्ञान यज्ञ का समापन सोमवार को जागरण आज

राजस्थान बिश्रोई समाचार मांगीलाल जाणी सांचौर डेडवा में आयोजित जम्भसार ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव के छठे दिन स्वामी सच्चिदांनद ने कहा कि बिश्रोई समाज पर्यावरण को बचाने के लिए अपने जीव का बलिदान दिया है। स्वामी ने कहा कि पर्यावरण को लेकर आज पूरा विश्व चितिंत है। इसके संरक्षण एवं सुधार की दिशा में प्रयासरत है, लेकिन आज से करीब 550 वर्ष पूर्व श्री जंभेश्वर भगवान ने पर्यावरण एवं जीवदया संरक्षण का संदेश दिया था। इसे आत्मसात करते हुए जोधपुर के निकट खेजड़ली में अमृतादेवी विश्नोई की अगुवाई में समाज के 363 लोगों ने पेड़ों की रक्षा की खातिर अपनी जान दी थी जो विश्व में एक अद्वितीय मिशाल है। स्वामी ने कहा कि यदि पेड़ नहीं बचे तो इसका दुष्परिणाम आम आदमी को भुगतना होगा इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का यह कत्र्तव्य है कि वह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। वहंीं उन्होंने कहा कि वृक्षों को जीवन का आधार बताते हुए समाज में व्याप्त नशाखोरी, बाल विवाह, मृत्युभोज जैसी कुरीतियों को समूल नष्ट करना है।  वहीं उन्होंने समाज का विश्व में अलग से पहचान बनाने का जिक्र किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बिश्रोई समाज के लोग मौजूद थे।  
धर्मसभा का आयोजन कल- डेडवा ग्राम में चल रही जम्भसार ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव का समापन एवं धर्म सभा का आयोजन सोमवार को होगा। वहीं ईस दौरान 120 शब्दों का पाढ़ पढकर पाहल बनाया जायेगा । व धर्मसभा के दौरान समाज विकास को लेकर चर्चा की जायेगी। 

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