नशा शरीर को खोखला कर देता - स्वामी सच्चिदांनद 

राजस्थान बिश्नोई समाचार संवाददाता मांगीलाल जाणी
सांचौर दीमक लकड़ी को खा जाती है, उसी तरह नशा शरीर को खोखला कर देता है। नशा नाश की जड़ है। यह बात डेडवा ग्राम में स्थित जम्भसार ज्ञान यज्ञ कथा महोत्सव के पांचवे दिन स्वामी सच्चिदांनद ने कही। उन्होंने कहा कि मानव के स्वस्थ शरीर पर नशा रूपी बीमारी को मिटाना होगा। घर, परिवार व समाज में सम्मान के लिए पहले नशे से मुक्ति दिलानी होगी। समाज के पुरूष व महिलाओं को घर में शुद्धता पर जोर देते हुए सफाई की बात कही। सफाई होने से घर व परिवार में बीमारी दूर रहती है।  स्वामी ने भगवान द्वारा बताए नियमों के अनुसार जीवन यापन की नसीहत दी। इस अवसर पर  इस मौके पर सेसावा सरपंच झीणीदेवी जगदीश कड़वासरा, पूनमाराम खीचड़, धीमाराम बागड़वा, प्रहलादराम जाणी,  भगवानाराम मांजू, पंपू खिचड़, रामगोपाल जाखल, ओमप्रकाश बागड़वा, अशोक गुरू, सुनिल साहू सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।
सत्संगक का एक ही क्षण जीवन को ईश्वर से जोड़कर मानव जीवन को सार्थक कर देता है -  कथा के पांचवे दिन स्वामी ने सत्संग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संतसंग से ही जीवन सन्मार्ग की ओर प्रेरित होता है सत्संग का एक क्षण ही जीवन को ईश्वर से जोड़ कर मानव जन्म को सार्थक कर देता है।  वहीं उन्होंने कहा कि सत्संग को इसलिए महान नहीं कहना चाहिए कि बहुत अच्छी तामझाम रही, बहुत ज्यादा लोग उपस्थित हुए, बहुत सुंदर कथा वाचक था बल्कि सत्संग को इसलिए महत्व देना चाहिए कि हम उससे अपने जीवन को सुधार सकें, अपने जीवन में सत्संग की बातों को उतार सकें। 
रविवार शाम को रात्री जागरण - डेडवा में आयोजित कथा के छठे दिन रविवार शाम को जम्भेश्वर भगवान के नाम रात्री जागरण का आयोजन होगा। वहीं जागरण में  स्वामी सच्चिदांनदजी महाराज व सुजीत लटियाल द्वारा भजनो की प्रस्तुती दी जायेगी।  

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