पत्रकार सुधीर बिश्नोई रेगिस्तानी पगडंडियों से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुँचे सच के सिपाही

मध्यप्रदेश बिश्नोई समाचार भोपाल पश्चिम राजस्थान की धूलभरी पगडंडियों और रेतीले टीलों से निकला एक ऐसा नाम, जिन्होंने पत्रकारिता को नई परिभाषा दी — सुधीर बिश्नोई। साधारण से गांव में पले-बढ़े सुधीर ने अपने संघर्ष, जिज्ञासा और साहस को हथियार बनाकर सच्ची पत्रकारिता की राह चुनी। यही सफर उन्हें देश के सबसे बड़े हिंदी अखबार दैनिक भास्कर तक ले आया।

इन्वेस्टिगेशन रिपोर्टिंग कभी आसान नहीं रही। इसमें जोखिम उठाने का हौसला और जनता की तकलीफ़ों को अपनी आवाज़ बनाने का जज़्बा चाहिए। सुधीर बिश्नोई ने भ्रष्टाचार, नशे के गोरखधंधे और समाज के अंधेरे कोनों को उजागर कर यह साबित किया कि पत्रकारिता केवल खबर लिखने का पेशा नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी भी है।

उनकी रिपोर्टिंग ने न सिर्फ आमजन की आवाज़ बुलंद की, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी हलचल मचाई। यही कारण है कि आज जब भी इन्वेस्टिगेशन पत्रकारिता का नाम लिया जाता है, सुधीर बिश्नोई ईमानदारी और भरोसे की मिसाल के रूप में सामने आते हैं।

युवा पत्रकारों के लिए सुधीर प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी कहानी बताती है कि जुनून और ईमानदारी के साथ छोटे गांवों की गलियों से निकलकर भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है।

भ्रष्टाचार और नशे के काले धंधे से लेकर सत्ता के गलियारों तक सच को उजागर करने की हिम्मत दिखाने वाले सुधीर को दैनिक भास्कर की ओर से कई बार मंथली प्रशस्ति अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है। 

Post a Comment

और नया पुराने