50 वर्ष की उम्र में फिर से शिक्षक की कुर्सी पर लौटे भागीरथ तेतरवाल – गांव में जश्न का माहौल"

राजस्थान बिश्नोई समाचार धोरीमन्ना बाङमेर: शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण और संघर्ष की मिसाल बने भागीरथ तेतरवाल अब फिर से राजकीय विद्यालय चैनपुरा में शारीरिक शिक्षक (PTI) के रूप में अपनी सेवाएं देंगे। 

एक समय ऐसा था जब उन्हें षड्यंत्र के कारण नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी – लगातार संघर्ष, लगन और मेहनत करते रहे, और अब एक बार फिर वे स्कूल में बच्चों के बीच लौट आए हैं।

भागीरथ तेतरवाल जी गांव में "PTI साहब" के नाम से पहचाने जाते हैं। उनका जीवन सादगी भरा है – पैरों में चप्पल, आम ग्रामीण जैसा पहनावा और अत्यंत सरल स्वभाव। वे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी से सहजता से घुलमिल जाते हैं। गांव वालों का कहना है कि "चप्पल घिसते-घिसते अब मंज़िल तक पहुंच ही गए हमारे भागीरथ जी।"


मूलरूप से भागीरथ बिश्नोई जी शिव मंदिर, ग्राम पंचायत नेड़ीनाडी, धोरीमन्ना, ज़िला बाड़मेर के निवासी है हालांकि सामाजिक स्तर से सांचौरी मालाणी मारवाड़ तक पहचान रखते है 

लगभग एक दशक तक बर्खास्त रहने के बाद, अब जब वे दोबारा स्कूल में सेवाएं देने जा रहे हैं, तो पूरे गांव में खुशी की लहर है। गांव के लोगों ने मिठाइयां बांटी और एक-दूसरे को बधाई दी। परिवार और ग्रामीणों में इस बात को लेकर गर्व है कि एक ईमानदार और कर्मठ शिक्षक ने न्याय प्राप्त किया।

सामाजिक योगदान में भी अग्रणी

भागीरथ जी ने सिर्फ शिक्षा में ही नहीं, बल्कि गांव के सामाजिक व धार्मिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। मंदिर निर्माण, गांव की बैठकों, विकास योजनाओं और सांस्कृतिक आयोजनों में उनकी उपस्थिति सदैव प्राथमिक रही है।

अब बच्चों को फिर से मिलेगा मार्गदर्शन

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चैनपुरा में अब पुनः बच्चों को खेल-कूद, योग और शारीरिक शिक्षा की दिशा में प्रशिक्षित करेंगे। उनके अनुभव, अनुशासन और संवेदनशीलता से आने वाली पीढ़ियों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।


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