दुःखद बिश्नोई समाज में....................................

दुःखद बिश्नोई समाज में....................................

क़लम सुरेश ढाका की ....नवण प्रणाम आखिर देख सब रहे है आगे कोई नही आ रहा है। समझा कोई नही रहा है डर सबको है कही हम फंस नही जाये समाज के चक्कर में, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा अध्यक्ष पद को लेकर क्या चल रहा है बिश्नोई समाज में, आखिर इस पद के लिऐ कोन कितना क्या कर सकता है? यह अनुमान लगाना बङा मुश्किल भरा काम है, दोनो तरफ से आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।



 बिश्नोई समाज के लोग चाहते है चुनाव हो यह एक सोच लेकर बैठे है, वर्तमान अध्यक्ष आरोप से घिरे हुऐ है यह न्यायपालिका का विषय है, हालांकि यह हालात आखिर पैदा कैसे हुऐ ? क्या कोई इस के पिछे कही कोई सोची समझी रणनीति तो नही है, पिछले दो दिनों से समाज के ग्रुपों में कुछ WhatsApp ग्रुप के ओडियो स्क्रीन वीडियो आदी चल रहे है समाज की महिलाओं का भी जिक्र किया जा रहा है। उसे पहले अध्यक्ष के चले थे क्या पता कल किसी ओर के चल जाये क्या समाज को यही देखना ही पसंद है सिख समाज - बिश्नोई समाज के बाद आया ओर आगे बढ़ रहा है ओर बिश्नोई समाज बस एक दूसरे को गिराने ओर एक NGO पर लङ रहा है। 

समाज हित में बनी संस्थान का तो खुब मेल धोया जा रहा है अब 7 वर्ष पूर्व में लगाया गया वो पौंधा भी राजनीतिक का शिकार से दूर नही है अगर भगवान सद्बुद्धि दे देते है तो इस गर्मी से बचा लिया जायेगा ओर शिक्षा का स्तर बढ़ता जायेगा 

आखिर समाज के गणमान्य लोग एक संस्थान के पिछे इस कदर पङ जायेगे ऐसी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी,तीन गुट समाज में समाज को दो भागो में विभाजित कर रहा है समय रहते बिश्नोई समाज व बिश्नोई संत आगे नही आये तो वो दिन दूर नही है अब। बिश्नोई सम्पूर्ण भारत का एक है इन लोगों ने राजस्थान हरियाणा पंजाब मध्य प्रदेश अन्य क्षेत्रों मे़ं बाट रखा है। अन्यथा एक आवाज पर एक मंच पर दिखाई देता था वो भी समय था चौधरीयो का। आज राजनीति में कद बहुत कमजोर हो गया है समाज के व्यक्ति का उस पर कभी विचार किया है समाज ने ? 

कौन करे विचार नेताओं को तो फुर्सत नहीं ओर अगर कोई विचार ले तो पिछे खिंचने वाले तैयार बैठे है हर मोड़ पर यह सत्य है। खिंचने वालो को यह याद नही ब्याज पर दिया धन ब्याज लेकर ही लोटता है वरना पंचायत बैठती है ब्याज नही देने की 


पैसे पद पावर यह तो एक छाया है पिछले 10 वर्षों में राजनीति ओर पैसे गायब होते नजर आये है सबको पता है क्यों  कि एक विश्वास ही होता है जो आपको परमात्मा से जोङ के रखता है उसके पिछे धन दौलत आदी अर्जित होते है। गुरु जम्भेश्वर भगवान ने बिश्नोई समाज का निर्माण किया था तब चुन चुन लिऐ गये वो शक्तिया थी अब वो शक्तिया अपन खुद धीरे धीरे गायब कर रहे है। उसको बचाने का प्रयास कोई नही कर रहा है  आज समय यह बिश्नोई को छोङ अन्य जातियों में विवाह करने से लेकर 5 बच्चों की मां भी शादीया रचा रही है ऐसा दुर्भाग्य है समाज में, 


समाज के पूर्व व वर्तमान संरक्षक या पूर्व व वर्तमान अध्यक्ष सब अच्छे थे ओर है ओर अच्छे रहेगे पर समाज को चुनाव पर विश्वास है, इस मे देरी करना समाज का ही नुकसान है ओर व्यक्तिगत राजनीति में कदम रखने वालो का भी है। गांवों में रहने वाले सुबह शाम हवन करने वाले राजनीति से दूरी रखने वालो का एक ही मन है चुनाव हो ओर समाज में हित के कार्य करे समाज प्रगति कर सके। समाज की बेटी-रोटी समाज में ही हो उनकी दुवाओं में वो शक्ति है जिसको आज तक कोई पहचान नही सका है। 


कहते समय रहते चैत जाना खुद ओर समाज दोनो को बचा सकते है पूर्वजो के अच्छे कार्य ओर आने वाली पीढ़ी के अच्छे कार्य यदा याद यादगार रखना चाहते है सब पर सोच कदम विचार खुद की नही अन्य आस पास घूमने वाले अपना स्वार्थ देखने वालों की ली जाती है तब यह दिन देखने को पङ रहा है। 

समाज कोई छोटा समाज व अनपढ़ नही है सब पढे लिखे है सब समझदार है सबको पता कारनामे पर कोई बोल नही रहा है उसका फल शाय़द ही मिठा निकलेगा।


आज का युग विज्ञान ओर तकनीकी का है प्रधानमंत्री तक को पता है एक बिश्नोई समाज है जो पर्यावरण की रक्षा करता है पर समाज के ही गिने चुने लोग समाज को ही काट रहे हैं भविष्य बहुत गंभीर भरा है। ‌आप समाज से दूरीया भी बना रहे हो ओर बहुत कुछ खो रहे हो। समाज देख रहा है फिर भी चुप है मतलब खेल मदारी दिखाता है बस देखने का शौक़ है तो देखते रहो यह खेल आज उनके साथ कल आपके साथ समय देर नही करता है।

नवण प्रणाम 


 

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