रायपुर छत्तीसगढ़ में गुरु जम्भेश्वर भगवान के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ सम्पन्न

पर्यावरण संरक्षण और जीव जंतुओं की सेवा सर्वोपरि, नशा मुक्ति व कुरीतियों को त्यागने का दिया संदेश 

कई राज्यों से जुटे बिश्नोई समाज के लोग, दिया आपसी भाईचारा और एकता का संदेश 


रामदेव विश्नोई सजनाणी  छत्तीसगढ़ बिश्नोई समाचार रायपुर। बिलासपुर रोड़ पर शेर पंजाब ढाबा के सामने रावाभाटा में बने नवनिर्मित गुरु जम्भेश्वर भगवान मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह रविवार को गुरु जम्भेश्वर भगवान मंदिर के महंत स्वामी डा सच्चिदानन्द आचार्य समेत साधु संतों के सानिध्य व मुख्य अतिथि फलोदी विधायक मास्टर पब्बाराम विश्नोई की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। समारोह की पूर्व संध्या पर संत महंत डॉ स्वामी सच्चिदानन्द आचार्य ने गुरु जम्भेश्वर भगवान की विधि विधान से पूजा अर्चना कर जागरण का शुभारंभ किया ‌। 


जागरण में स्वामी आचार्य ने गुरू जम्भेश्वर भगवान कि आरती साखी भजनों की प्रस्तुति दी । स्वामी महंत सच्चिदानंद आचार्य ने गुरू जम्भेश्वर भगवान के दारा बनाएं गए  20+9 =29 नियमों का पालने करने की बात कही। वहीं समाज बंधुओं ने देर रात तक भजनों को श्रवण किया। रविवार सुबह 8 बजे से मंदिर में हवन यज्ञ 120 शब्दों के पाठ वाचन के साथ पाहल हुआ साथ ही यज्ञ में बिश्नोई समाज बंधुओं ने आहुतियां दी।



 इस दौरान समाज बंधुओं को गुरु मंत्रों से निर्मित पाहल ग्रहण करवाकर नशा मुक्ति व कुरीतियों को त्यागने के लिए प्रेरित किया।फिर गुरु जम्भेश्वर भगवान मंदिर की महंत स्वामी डा सच्चिदानन्द आचार्य समेत साधु संतों के सानिध्य व मुख्य अतिथि फलोदी विधायक मास्टर पब्बाराम विश्नोई की उपस्थिति में मंदिर के शिखर पर कलश स्थापित कर ध्वजा चढ़ाई गई तथा गुरु जम्भेश्वर भगवान के मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित किया गया।

प्रकृति के लिए दिया बलिदान :
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते फलोदी विधायक पब्बाराम विश्नोई ने कहा कि आज रायपुर में गुरु जम्भेश्वर भगवान मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होना अपने आप में बहुत बड़ी बात है। बिश्नोई समाज के लिए बिश्नोई समाज के लोग राजस्थान हरियाणा आदि राज्यों से आकर यहां छत्तीसगढ़ में गुरु जम्भेश्वर भगवान का मंदिर बनाया है, छत्तीसगढ़ में इनसे बड़ी बात क्या हो सकतीं।
सिर सांठे रूंख रहे तो भी सस्तों जांण। यानी अगर सिर कटने से वृक्ष बच रहा हो तो ये सस्ता सौदा हैं। 



जम्भेश्वर भगवान ने विश्नोई समाज की शुरुआत की थी। विश्नोई समाज के लोग 29 नियमों का पालन करते हैं जिसमे जीवरक्षा और पर्यावरण रक्षा प्रमुख हैं ,और आज तक विश्नोई समाज नियमों का पालन करता आया है। अमृता देवी का बलिदान और विश्नोई समाज का पर्यावरण के लिए बलिदान विश्नोई समाज के लिए गर्व का विषय है। विश्नोई समाज के लोग देश- दुनिया में जहाँ भी हैं पर्यावरण के प्रति उनमें विशेष स्नेह हैं। मुख्यरूप से विश्नोई समाज के लोग राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा ,पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु उत्तर प्रदेश दिल्ली और महाराष्ट्र में बसे हैं लेकिन सबका मूल राजस्थान ही है।  वन्यजीवों की रक्षा और पेड़ पौधों के संरक्षण के लिए देश और दुनिया में विख्यात बिश्नोई समाज है।



 विश्नोई समाज  वन्य जीवों को अपने बच्चों की तरह लाल पालन करनी है। महिलाएं अपने थन का दुध पिलाकर बड़ा करती है। विश्व में अनुठा उदाहरण है। सभी को वन्यजीवों की रक्षा और पेड़-पौधों के संरक्षण की प्रेरणा लेकर काम करना चाहिए। बिश्नोई समाज के लोग बकायदा इन जीव जंतुओं से ना केवल अपार प्रेम करते हैं बल्कि इनकी रक्षा के लिए खुद की जान तक देने से नहीं चूकते। 1730 में जोधपुर के खेजड़ली गांव खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए 363 विश्नोइयों ने बलिदान दिया था। 



छत्तीसगढ़ में गुरु जम्भेश्वर भगवान का पहला मंदिर :
अगर देवता के प्रति कुछ करने का जूनून हो तो असंभव भी संभव हो जाता है।देवता के प्रति आस्था हो तो सब कुछ संभव हो जाता है। बिश्नोई समाज के लोगों ने छत्तीसगढ़ राज्य में पहला मंदिर गुरु जम्भेश्वर भगवान का रायपुर जिले में  बनवाया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी ही रायपुर है।


राजस्थान हरियाणा सहित अन्य राज्यों से आए छत्तीसगढ़ में बिश्नोई समाज के लोगों ने रायपुर में गुरु जम्भेशर भगवान के नाम से 2005 में जमीन खरीदी फिर गुरु जम्भेश्वर भगवान नाम ट्रस्ट बनाकर बनाया। करीब 80  लाख की लागत से गुरु जम्भेश्वर भगवान का मंदिर का निर्माण करवाया गया। मंदिर में हर रोज गुरु जम्भेश्वर भगवान के मंदिर में हवन यज्ञ, 120 शब्दों पाठ व आरती भजन सहित धार्मिक कार्य होंगे । 


 किया सम्मान : 
समारोह के दौरान मंदिर निर्माण में सहयोग करने वाले भामाशाहों, कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नागरिकों का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। इससे पूर्व फलोदी विधायक पब्बाराम विश्नोई व अन्य मेहमानों का भी समाज द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया।इस दौरान 
अध्यक्ष हजारीलाल , डीएसपी भूपेंद्र पंवार,श्रवण कुमार प्रदेश अध्यक्ष , राजेन्द्र,  सचीव, 
डा नरेंद्र ,श्रवण कुमार लोल, 
अमरचंद पुर्व सरपंच , दिनेश सजनाणी जीएसएस अध्यक्ष,
राजाराम अध्यक्ष ABBYs,
केलाश डारा, किरण ढाका,सुशील सियाग, रामदेव सजनाणी, भोमराज भादु, रामस्वरूप सारण , ओमप्रकाश खीचड़, सुभाष गोदारा, सुरेश बलोदा बाजार, रामचंद्र बेनिवाल, सहित सैकड़ों की तादाद में कई राज्यों से बिश्नोई समाज के लोग मौजूद रहे।

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