राजस्थान बिश्नोई समाचार रामनिवास हाणिया जोधपुर बिश्नोई समाज की राजनीती के पुरोधा कहे जाने वाले और सम्पूर्ण भारत में स्व. भजनलाल जी बिश्नोई, स्व. रामसिंह जी बिश्नोई, स्व. पूनमचन्द जी बिश्नोई, स्व. रगुनाथ जी बिश्नोई और स्व. मनीराम जी बिश्नोई के साथ मिलकर बिश्नोई समाज का डंका बजाने वाले किसान केसरी स्व रामनारायण जी बिश्नोई को उनकी चौथी पूण्य तिथि पर श्रदासुमन अर्पित करते है।
युवा समाज सेवी रामनिवास हांणियाँ ने बताया की स्वर्गीय श्री राम नारायण जी बिश्नोई नेक, निर्भिक, ईमानदार, शांत स्वभाव और अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। स्वर्गीय राम नारायण जी बिश्नोई का जन्म 1 जून 1932 को हनुमानगढ़ के संगरिया गांव में अपने ननिहाल में हुआ। इनके पिता श्री हरभजराम जी पंजाब के फिरोजपुर जिले की अबोहर तहसील के रायपुर गांव के रहने वाले थे। स्वर्गीय बिश्नोई द्वारा शुरुआत की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद llb की पढ़ाई पूर्ण की तत्पश्चात सन 1955 में अधिवक्ता के रूप में प्रेक्टिस के लिए जोधपुर आ गए। आप सन 1958 -59 में जिला परिषद सदस्य जोधपुर रहे। सन् 1978 से 1980 तक राजस्थान आवासन मंडल के सदस्य भी रहे। इस दरमियान आप सन 1973 से तीन बार, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य भी रहे। 1977 से 1978 तक राजस्थान बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रहे। सन 1987 में राजस्थान हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के चेयरमैन भी रहे। वर्ष 1986 से 1990 तक बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष भी रहे। सन् 1975-76 के किसान आंदोलन में आपने किसानो के हितों के लिए सक्रिय भागेदारी निभाई और मीसा बन्दी के रूप में जेल भी गए। आप पहली बार 1990 में ओसियां से विधायक चुनकर नवी विधानसभा में पहुंचे। आप पहली बार भेरु सिंह शेखावत सरकार में मंत्रिमंडल में ऊर्जा मंत्री बने उस समय आपको कृषि विभाग का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया था।सन् 1991 में आपने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा। सन 1998 में आप फलौदी विधानसभा से दूसरी बार विधानसभा में पहुंचे। वही सन 2003 में भी फलौदी से विधानसभा का चुनाव जीतकर आपने विधानसभा में उपाध्यक्ष के पद को सुशोभित किया। आप सन 2012 में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए। आप अपने समय के नामचीन अधिवक्ता रहे। आपकी स्मृति में इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट की ओर से 2013 में जय नारायण व्यास स्मृति भवन टाउन हॉल जोधपुर में न्यायधीश जीएस सिंघवी के मुख्य आतिथ्य में व्याख्यानमाला का आयोजन भी रखा गया था । आपके यूँ बिछुड़ने से बिश्नोई समाज और राजनीतिक जगत को बहुत बड़ी छति हुई। उसकी भरपाई कर पाना अविस्मरणीय है
10 अक्टूबर पूण्य तिथि पर प्रतिवर्ष आपके परिवार की तरफ से श्रदांजलि सभा का आयोजन रखा जाता है।
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