जाजीवाल धोरे जैसा नजारा इस मंदिर में रोज शीश नवाने आता है ये हिरण

दिल्ली बिश्नोई समाचार बिश्नोई समाज के जाजीवाल धोरा का नजारा आपने देखा ही होगा हिरण मोर अटखेलियां  करते नजर आते हैं  बिश्नोई समाज में ऐसे नजारें हजारों देखने को मिल जाएंगे लेकिन यह नजारा कुछ अलग ही राजस्थान के हिन्दी अखबार के मुताबित यह खबर बिश्नोई समाचार आपके बिच लेकर आये है। अखबर विस्तार से नवरात्र में जहां हर माता के मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता हैं, वही दंतेवाड़ा में माता का एक मंदिर ऐसा भी है जहां श्रद्धालुओं के साथ एक हिरण भी माता के शीश नवाने आता है। यह शावक चीतल रोज सुबह दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर पहुंचने के साथ बेझिझक गर्भगृह तक पहुंचता है और प्रसाद लेकर लौट जाता है।
माता दंतेश्वरी जी के प्रति सभी की आस्था और श्रद्धा हैं। दर्शन करने श्रद्धालु नवरात्र के अलावा अन्य अवसरों पर पहुंचते है। इन सबके बीच पिछले दो साल से एक चीतल शावक भी सुबह-शाम आरती से पहले मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचता है।
पुजारियों द्वारा प्रसाद देने के बाद यह शावक बाहर जाकर माईजी की बगियां और प्रमुख पुजारी के घर पर रहता है। शाम को आरती के दौरान फिर से मंदिर पहुंचता है। पुजारी और लोग इसे बेबी नाम से पुकारते है।
करीब दो साल पहले इस चीतल शावक की मां ने मंदिर के पुजारी के मवेशी कक्ष में बेबी सहित अन्य और शावकों को जन्म दिया था। 
इसके बाद वह अन्य शावकों लेकर जंगल लौट गई लेकिन यह नहीं गई और यहीं रहने लगी। लोगों के अनुसार पहले तो बेबी मां भी काफी दिनों तक सुबह-शाम बेबी से मिलने पुजारी के घर पहुंचती थी लेकिन अब नहीं आ रही है।

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