गुरु जम्भेश्वर महाराज के नियमों का सभी को करना चाहिए अनुसरण: चौटाला

चंडीगढ़, 5 अक्तूबर : आज भौतिकवाद के युग में जब पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है तो ऐसे में गुरु जम्भेश्वर द्वारा बताए गए 29 नियमों में प्रतिपादित जीव रक्षा व पर्यावरण के प्रति जो प्रेम दिखाया गया है, उनका सभी लोगों को अनुसरण करना चाहिए। बिश्रोई समाज विशेष तौर पर इसके लिए बधाई का पात्र है कि वे इस दिशा में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करते आ रहे हैं। यह बात देश के सबसे युवा सांसद दुष्यंत चौटाला ने कही। वे बिश्रोई समाज के सबसे बड़े धार्मिक स्थल मुक्तिधाम मुकाम में गुरु जम्भेश्वर भगवान के निज मंदिर में माथा टेकने गए थे। इसके बाद सांसद चौटाला अखिल भारतीय बिश्रोई महासभा के मुख्य कार्यालय भी पहुंचे, जहां पर महासभा के प्रतिनिधि सभा के सदस्य व मुकाम के सरपंच रामलाल थापन सहित अन्य गणमान्य लोगों ने सांसद का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे गुरु जम्भेश्वर की इस पावन धरा पर उनको वंदन करके अपने आप को सौभाग्यशाली मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के मौजूदा परिवेश में पर्यावरण की सुरक्षा करना अति आवश्यक है। गुरु जम्भेश्वर जी ने इसकी महता को बहुत पहले ही समझ लिया था। इसी से प्रेरित होकर 1730 में जिला जोधपुर के खेजड़ली गांव में विरांगना अमृता देवी बिश्रोई व उसके पारिवारिक सदस्यों सहित 363 बिश्रोईयों ने पेड़ों की रक्षा के लिए हंसते हंसते अपना जीवन न्यौछावर कर दिया था। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि आज तक इस प्रकार का कोई दूसरा उदाहरण पूरे विश्व में नहीं है। इसी प्रकार बिश्रोई समाज के लोग वन्य जीवों से भी आगाढ़ पे्रम करते हैं। वे वन्य जीवों की रक्षा करते करते अपने प्राणों की आहूति देने से भी पीछे नहीं हटते। आज सभी लोगों को इनसे प्रेरणा लेकर पर्यावरण व वन्य जीवों की रक्षा करनी चाहिए ताकि प्रकृति को बचाया जा सके।
उन्होंने मुकाम मंदिर के आस पास के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की भूरि भूरि प्रशंसा की व इसके लिए महासभा की तारीफ की। इस मौके पर अखिल भारतीय बिश्रोई महासभा प्रतिनिधियों ने सांसद को गुरु जम्भेश्वर के जीवन व उनकी शिक्षाओं पर आधारित जम्भ साहित्य देेकर सम्मानित किया तथा सांसद चौटाला ने भी जननायक चौधरी देवीलाल के जीवन पर आधारित एक ग्रंथ उनको भेंट किया, जिसे लेकर महासभा सदस्यों ने कहा कि वे इसे अपने  पुस्तकालय में रखेंगे, जिससे आने वाली पीढ़ी को चौधरी देवीलाल के जीवन के बारे में पता चल सके। क्योंकि चौधरी देवीलाल का पैतृक गांव नोखा गांव मुकाम के पड़ोस में ही स्थित है। इस कारण इस क्षेत्र के लोगों के दिलों में चौधरी देवीलाल के लिए विशेष आस्था है और वे सांसद दुष्यंत चौटाला में भी चौधरी देवीलाल परिवार की ही छवि देख रहे हैं। इस मौके पर अखिल भारतीय बिश्रोई महासभा के विशेष समिति सदस्य एडवोकेट मनदीप बिश्रोई, गोपजी बुदिया, पूर्व प्रधान गंगाराम, शिवराज बिश्रोई, जुगल किशोर, एडवोकट सुधीर टाडा, अजीत सिंह सहित बहुत से गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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