राजस्थान बिश्नोई समाचार जयपुर राजस्थान में ‘बिश्नोई समाज कल्याण बोर्ड’ के गठन की मांग को लेकर आज बिश्नोई यूथ टीम की ओर से दीपक ढाका ने माननीय राज्य मंत्री एवं गुड़ामालानी विधायक श्री केके बिश्नोई को विस्तृत मांगपत्र सौंपा। इस मांगपत्र में समाज के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, पर्यावरणीय योगदान के आधार पर राजस्थान सरकार से एक स्वतंत्र कल्याण बोर्ड स्थापित करने की पुरजोर मांग की गई।
मांगपत्र में उल्लेख किया गया कि बिश्नोई समाज ने खेजड़ली बलिदान (1730) से लेकर आधुनिक काल तक वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण में अतुलनीय योगदान दिया है। ‘जीव दया’ और ‘पर्यावरण रक्षा’ की पहचान से पूरी दुनिया में विख्यात होने के बावजूद समाज के लिए अब तक कोई अलग बोर्ड गठित नहीं हुआ है, जिससे योजनाओं और संसाधनों का लाभ सामुदायिक स्तर पर नहीं मिल पाता।
दीपक ढाका ने मंत्री जी को अवगत कराया कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय भी कई बार ज्ञापन, प्रस्ताव और प्रतिनिधिमंडल भेजे गए, लेकिन अब तक इस विषय पर स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि समाज की यह मांग न्यायसंगत और तर्कसंगत है, जिसे तत्काल प्रभाव से पूरा किया जाना चाहिए।
साथ ही साथ इन बिंदुओं पर गौर करने की मांग की गई कि
बिश्नोई समाज कल्याण बोर्ड की स्थापना राज्य स्तर पर एक स्वायत्त निकाय के रूप में की जाए, जिसमें अध्यक्ष सहित समाज के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
बोर्ड के माध्यम से समाज के लिए विशेष योजनाएँ, पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम और छात्रवृत्ति/रोजगार योजनाएँ संचालित हों।
खेजड़ली बलिदान दिवस (11 सितंबर) को राजकीय ‘पर्यावरण बलिदान दिवस’ घोषित किया जाए।
RAS, UPSC, SSC जैसी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग संस्थान खोले जाएँ।
समाज के युवाओं के लिए स्किल सेंटर, रोजगार योजनाएँ और आईटी/रोजगार प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएँ।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए छात्रवृत्ति, छात्रावास एवं चिकित्सा सहायता योजना शुरू की जाए।
महिलाओं के लिए सिलाई, डिजाइनिंग, हस्तशिल्प व अन्य प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएँ।
समाज के पर्यावरणीय योगदान को मान्यता देते हुए ‘पर्यावरण प्रोत्साहन निधि’ बनाई जाए।
गौरव भूमि, वन्यजीव संरक्षण स्थलों और ऐतिहासिक स्थानों को पर्यटन मानचित्र में शामिल किया जाए।
दीपक ढाका ने मंत्री जी से समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ विस्तृत विमर्श करने, विषय को राजनीतिक एवं प्रशासनिक प्राथमिकता में रखने और यदि तत्काल बोर्ड गठन संभव न हो तो ‘अंतरिम समिति/अध्ययन पैनल’ बनाने का आग्रह किया।
राज्य मंत्री श्री केके बिश्नोई ने मांगपत्र स्वीकार करते हुए पूरे विषय पर सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया और कहा कि सरकार समाज के पर्यावरणीय व सांस्कृतिक योगदान को भलीभांति समझती है तथा इस दिशा में ठोस कदम उठाने पर विचार करेगी।
बिश्नोई यूथ टीम ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार जल्द ही समाज की वर्षों पुरानी इस मांग पर निर्णायक पहल करेगी।
एक टिप्पणी भेजें