रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के मानव रहित विमान पर करेंगी शोध, दो जिलों का नाम किया रोशन
राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर जिले के धोरीमन्ना उपखंड के डॉ अशोक नगर गडरा की डॉ. उर्वशी बिश्नोई ने अपने क्षेत्र का नाम ऊँचा किया है। उनका चयन आई आई टी दिल्ली में पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च के लिए हुआ है। वे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अधीन चल रहे सरकारी प्रोजेक्ट पर काम करेंगी, जिसका विषय है मानव रहित विमान प्रणाली की विश्वसनीयता विश्लेषण यह परियोजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योजना का हिस्सा है।
कहते हैं, “बेटियाँ दो घर रौशन करती हैं” — डॉ. उर्वशी ने सचमुच जालौर पीहर और बाड़मेर ससुराल दोनों जिलों का नाम गौरवान्वित किया है
डॉ. उर्वशी का जन्म सरनाऊ गांव, गोदारा परिवार में हुआ। उनका ससुराल बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना, डॉ. अशोक नगर गडरा, ढाका परिवार में है। उनके पिता व ससुर दोनों सरकारी अध्यापक हैं और परिवार के अन्य सदस्य भी सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं।
उर्वशी बताती हैं कि उनकी इस सफलता में माता-पिता, ससुराल पक्ष, माँ और सासु मां का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और पढ़ाई के लिए पूरा अवसर दिया।डॉ. उर्वशी कहती हैं कुछ वर्षों से रिसर्च के क्षेत्र में नई ऊर्जा आई है। ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को साकार रूप मिल रहा है। पहले ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए विदेश जाना पड़ता था, अब विदेशी शोधकर्ता भारत में आकर काम कर रहे हैं।
डॉ. उर्वशी ने बाहरवी गणित विषय के बाद बीएससी, एमएससी और पीएचडी की। उन्होंने एसआरएम यूनिवर्सिटी, चेन्नई से गणित में पीएचडी पूरी की और यूनिवर्सिटी के दिल्ली कैंपस में गणित विषय में प्रथम डॉक्टरेट बनने का गौरव प्राप्त किया। एम.एससी. और पीएचडी. के दौरान उन्हें भारत सरकार की ओर से स्कॉलरशिप मिली, जिसने उनके अध्ययन और शोध को मजबूती दी।
"मेरा एक ही सपना है गांव से देशहित में मेरा भी छोटा सा योगदान हो ताकि भारत और अधिक मजबूत बने। आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा ही सबसे बड़ा धन है। आओ, सब पढ़-लिखकर देश को उन्नति की ओर ले चलें।
डॉ. उर्वशी बिश्नोई शोधार्थी
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