राजस्थान / बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायक बिश्नोई विधानसभा में जिंदा टिड्डियों का टोकरा लेकर पहुंचे


राज्य के 12 जिलों में टिड्‌डी दल ने कहर बरपाया, पिछले 9 माह में ये 7 लाख हेक्टेयर से अधिक भू-भाग पर फसलों को चट कर चुके हैं प्रदेश में सौ साल में टिड्डियों का यह सबसे बड़ा हमला है, पिछले साल के 21 मई से लेकर अब तक किसानों की बर्बादी का सिलसिला जारी जयपुर. राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन विधानसभा में अलग नजारा देखने को मिला। बीकानेर जिले के नोखा से भाजपा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई जिंदा टिड्डियों का टोकरा लेकर विधानसभा पहुंचे। गंगानगर जिले से अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी भी सदन में टिड्डियों का मुद्दा उठाने के लिए संदेश लिखा बैनर पहनकर पहुंचीं। बिश्नोई ने कहा कि टिड्डियों से अरबों रुपए का नुकसान हो चुका है। वहीं, सरकार मुआवजे के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है। उन्होंने कहा- सरकार को इस पर विधानसभा में चर्चा करनी चाहिए। केंद्र सरकार से हर संभव मदद लेनी चाहिए। इसी बीच, विधायक बावरी जिस बैनर को पहन कर पहुंचीं, उस पर लिखा था कि बीकानेर संभाग में टिड्डी प्रभावित इलाकों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए। उल्लेखनीय है कि जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जालौर, सिरोही, पाली, नागौर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और डूंगरपुर में टिड्डियों ने आतंक मचा रखा है। 9 महीने से 12 जिलों में आतंक, 7 लाख हेक्टेयर फसल चट राजस्थान के 12 जिलों में टिड्‌डी दल ने कहर बरपा रखा है। पिछले 9 माह में ये करीब 7 लाख हेक्टेयर से अधिक भू-भाग पर फसलें ही क्या, पेड़ों तक को चट कर चुके हैं। कई इंसानों को भी जख्मी कर चुके। लेकिन, जिम्मेदार मैदान से गायब हैं और ज्यादातर जगह ग्रामीण और किसान धुआं कर, थाली और डीजे बजाकर तथा अन्य देशी तरीकों से इनको उड़ाने में जुटे हुए हैं। टिड्‌डी नियंत्रण के लिए अलग से विभाग प्रदेश में सौ साल में टिड्डियों का यह सबसे बड़ा हमला है। पिछले साल के 21 मई से लेकर अब तक किसानों की बर्बादी का सिलसिला जारी है। हैरान करने वाली यह स्थिति तब है, जबकि प्रदेश में केंद्र ने टिड्डी नियंत्रण के लिए एक विभाग भी बना रखा है। विभाग के कर्मचारी केवल खाली पड़ी जमीन पर दवा का छिड़काव कर मौन हैं। जब उनसे पूछा गया कि टिड्डियों ने इतना विकराल रूप कैसे धारण कर लिया तो जवाब मिला कि पाकिस्तान बताता ही नहीं तो हम पहले कैसे पता चले कि टिड्डियां आ रही हैं। किसान सूचना देते हैं तो कृषि विभाग से वेरिफाई करने के बाद इन्हें मारने के कीटनाशक का छिड़काव शुरू होता है। फोटो व वीडियो : सौरभ भट्‌ट

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